और जिसके कभी पूरे होने के आस में वो जीये चले जा रही है। और जिसके कभी पूरे होने के आस में वो जीये चले जा रही है।
वे कागज भी अनमोल हैं, जिनमें समाज और देश के संस्कार बदलने की ताकत हैं…? वे कागज भी अनमोल हैं, जिनमें समाज और देश के संस्कार बदलने की ताकत हैं…?
वहां सुकुन नहीं केवल सन्नाटा था वहां अपनापन नहीं केवल उदासी थी| वहां सुकुन नहीं केवल सन्नाटा था वहां अपनापन नहीं केवल उदासी थी|
कुछ लोग जीवन में ऐसे मिलते हैं जो अपनी यादें अमिट छोड़ जाते हैं। कुछ लोग जीवन में ऐसे मिलते हैं जो अपनी यादें अमिट छोड़ जाते हैं।
,एक सड़क दुर्घटना में बेटे की असामयिक मृत्यु से दुख का पहाड़ टूट पड़ा। ,एक सड़क दुर्घटना में बेटे की असामयिक मृत्यु से दुख का पहाड़ टूट पड़ा।
सबके चेहरे पर हज़ारो सवाल लेकिन एक भी जबाब नहीं! सबके चेहरे पर हज़ारो सवाल लेकिन एक भी जबाब नहीं!